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कनकी परसदा नहर में मृत मुर्गी के अपशिष्ट पदार्थ के कारण पानी में ख़तरनाक कीड़ा हो चुका है-हुलास साहू

समाचार का दिनांक : 17-04-2025 46 Views
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पंकज मछली बीज भंडार वाले द्वारा मुर्गी के अपशिष्ट पदार्थ को नहर के पानी में डालने से पर्यावरण और जल जीवन को खतरा -धर्मेंद बैरागी

रायपुर/खरोरा/तिल्दा { वफादार साथी } । छत्तीसगढ़ ग्राम विकास एकता समिति के अध्यक्ष हुलास साहू और सचिव धर्मेन्द्र बैरागी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सम्मान समारोह कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र गांव - गांव पहुंचकर देते हुए चिंगरिया से बड़े नहर जैसे ही पहुंचे तो देखा कि नहर की पानी में बहते हुए मुर्गी की अपशिष्ट पदार्थ आ रहा है तब नहर किनारे लगे गांव वालों और जनप्रतिनिधि से चर्चा करने पर रोज नहर की पानी में मुर्गी के अपशिष्ट बहते हुए आने और उनकी बदबू से सब परेशान होने की जानकारी दी तब समिति के अध्यक्ष हुलास साहू , सचिव धर्मेन्द्र बैरागी ने दो दिन सर्वे कर जांच करने पता चला कि घिवरा नाला पुल से कुछ दूर में रपटा नाला के पास पंकज मछली बीज भंडार वाले मुर्गी के अपशिष्ट पदार्थ को नहर के पानी में डाला जा रहा है,दोपहर 12 बजे डालने वाले थे उसी समय रंगे हाथ पकड़ा गया है जो पर्यावरण और जल जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है। थाना खरोरा में शिकायत दर्ज करा दी गई है।
घीवरा पुल के आगे कनकी माइनर है एक नहर कनकी परसदा की ओर और  दूसरा नहर बलौदाबाजार लवन की ओर जाता है ।  वैसे भी गांवों में भारी जल संकट से जूझ रहे है पानी के समस्या को देखते हुए सरकार ने गंगरेल से निस्तारी के लिए तालाब, जलाशय और छोटे बांधो को भरने के लिए पानी छोड़ा गया है। 


आप वीडियो में देख सकते हैं कि कनकी परसदा नहर में मुर्गी के अपशिष्ट पदार्थ के कारण पानी में ख़तनाक कीड़ा हो चुका है, मुर्गी के अपशिष्ट पदार्थ में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं जो जल प्रदूषण का कारण बन सकते हैं। इससे मछलियों और अन्य जलीय जीवन को नुकसान पहुंच सकता है, और मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

हम सरकार और संबंधित अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे इस समस्या का समाधान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। पंकज मछली बीज भंडार वालों को मुर्गी के अपशिष्ट पदार्थ को नहर के पानी में डालने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।

हम आस पास के आम जनता और प्रभावित गांव के जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते हैं कि वे इस समस्या के प्रति जागरूक हों और इसके समाधान में अपना योगदान दें। हमें अपने जल संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।