रायपुर { वफादार साथी} | कुछ नाली के कीड़े जो सड़क में पैदा हुए ये "" नाली के कीड़े जिसे मैं 2 पैर का जानवर "" [ अधर्मियो ] कहता है, जिसका ना कोई ईमान हैं और ना कोई धर्म और ना कोई इंसानियत हैं और ना ही कोई संस्कार हैं इनका कार्य सिर्फ़ पैसा वाले लोग जो कि ज्यादातर अग्रवाल होते हैं उनसे जलना है, ये नाली के कीड़े समाज के लिए बोझ बन गए हैं।
ऐसा ही कुछ नजारा मुझे गत दिनों देखने को मिला "" कुछ नाली के कीड़े जो 2 पैर के जानवर "" [ अधर्मियो ] है मुझसे होशियारी करने लगे उनको ऐसा सबक सिखाया की उनको छट्ठी का दुध याद आ गया, शासन को कड़ा निर्णय लेकर इन लोगों का वोट देने का अधिकार ख़त्म करना चाहिए, जो लोग समाज के लिए कोड़, खाज, खुजली, कैंसर, एड्स [ अधर्मियो ] बन गए हैं उन लोगों को वोट देने का अधिकार ख़त्म करने से कानून का राज स्थापित होगा, कई ऐसे देश है जहां पर ऐसा कानून हैं।
इस लेख के माध्यम से सभी "" नाली के कीड़े और 2 पैर के जानवर "" [ अधर्मियो ] को संदेश देना चाहता हूं कि अग्रवालों को कायर, कमजोर और दब्बू मत समझना अगर अग्रवाल अपनी औकात में आ जायेगा तो नाली के कीड़ों का मैं { अनिल कुमार अग्रवाल } क्या करेगा उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते, अग्रवालो की शराफत, मर्यादा और संस्कार को उसकी कमजोरी मत समझना।
महाराज अग्रसेन ने तलवार को अपने बाजू में रखा मतलब अगर कोई नाली के कीड़े और 2 पैर के जानवर अग्रसेन की संतानों { अनिल कुमार अग्रवाल } से हुज्जतबाजी करेगा तो उसे सबक सिखाना भी हमे आता हैं, मैं महाराज अग्रसेन को भगवान मानता हुं अगर कोई "" नाली के कीड़े और 2 पैर के जानवर "" [ अधर्मियो ] ज्यादा होशियारी दिखाए तो उसको उल्टा टांगना भी आता हैं। मेरे से जो "" नाली के कीड़े और 2 पैर के जानवर "" [ अधर्मियो ] लड़ेगा उसका किडनी बिक जायेगा और उसे जयस्तम्भ चौक में भीख मांगते के लिए मजबूर करना भी मुझे आता हैं सभी"" नाली के कीड़े और 2 पैर के जानवर "" [ अधर्मियो ] सुधर जाओ। हक, स्वाभिमान के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं मैं अपनी लड़ाई को जीतने के लिए कुछ भी कर सकता हूं।
लेखक - अनिल कुमार अग्रवाल, रायपुर, छत्तीसगढ़