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छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ की प्रमुख मांगे ।

समाचार का दिनांक : 04-06-2021 111 Views
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प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत से लेकर के केंद्र सरकार तक के कार्यालय में सूचना के अधिकार के आवेदनों को खारिज करने की मानसिकता से अधिनियम विरोध एवं संविधान विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है . जिसके लिए वृहद आंदोलन की आवश्यकता है । वे सभी नागरिक जो धरना, प्रदर्शन, आंदोलन में अपनी सहभागिता निभा सकते हैं उनका चयन एवं जिम्मेदारी हेतु एवं चर्चा की जाएगी । 1 .छत्तीसगढ़ के आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार श्री गौरव अग्रवाल विरुद्ध भारत शासन के आदेश को पालन किया जाय । 2. पुलिस विभाग, वन विभाग, पी. डब्लू . डी, जल संसाधन, कृषि, पी एच. ई., राजस्व व अन्य विभागों में भी सूचना के अधिकार की धारा 4 - 1 - ख को लागू करने । 3 . छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एंटी करप्शन भेदभाव पूर्वक कार्यवाही के विरुद्ध बन्द कर वहॉ भी सूचना का अधिकार को पूर्ण रूप से लागू किया जाय । 4. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त में रिक्त पड़े 6 पदों की निष्पक्षता पूर्वक नियुक्ति हो । 5. कठोर जन लोकपाल बिल { अन्ना जी } को छत्तीसगढ़ में लागू किया जाय । 6.सभी लोक सेवकों के चल - अचल सम्पत्तियों का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाय । 7.आर. टी. आई. एक्टोरिस्ट, पत्रकारो व सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों को भी राज्यसभा, निगम या मंडल मैं जगह मिलनी चाहिए । 8.सभी सहकारी समितियों जैसे कि धान खरीदी केंद्र, राशन दुकान, मछली पालन सोसायटी व धार्मिक संस्थाएं, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थाएं जो शासन व जनता के धन से संचालित है या परोक्ष या अपरोक्ष रूप से शासन द्वारा रियायत दर पर भूमि टैक्स की छूट तथा विधायक एवं सांसद निधि से प्राप्त राशि से संचालित है या पोषित है उन सभी में कडाई से जन सूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति किया जावे। 9.सूचना के अधिकार की धारा 19 - 8 - ख के तहत जन सूचना अधिकारी को आवेदक के प्रति दिन की आय के अनुसार दंडात्मक कार्यवाही का क्षतिपूर्ति आवेदक को दिलाया जाए । 10.सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पेनाल्टी की राशि प्रतिदिन ₹25,000 की हो तथा अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए जितना सूचना आयुक्त निर्धारित करें उतनी अधिकतम से अधिकतम राशि हो क्योंकि कई ऐसे भ्रष्ट लोकसेवक है जिनके हैं ₹2000 के नोट बोरा बोरा रखा हुआ है वह 25,000 के पेनाल्टी से नहीं डरते इसलिए पेनाल्टी की राशि अनंत राशि तक हो। 11.जन सूचना अधिकारी को प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना बंधन कारी हो वहीं द्वितीय अपील की सुनवाई में प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं जन सूचना अधिकारी को स्वयं उपस्थित होना बन्धनकारी हो । माननीय नरेंद्र मोदी जी से निवेदन है कि उक्त मांगों को लेकर लोकसभा एवं राज्यसभा में संशोधन बिल लाए तथा राष्ट्रपति से हस्ताक्षर करा कर इस अधिनियम को कड़ा रूप देवें । जिससे भ्रष्टाचारियों को जेल भिजवाया जा सके तभी भारत में कानून का राज स्थापित होगा तभी आतंकवाद, पत्थरबाजी तथा नक्सलवाद खत्म होगा । भारत बचाओ । संविधान बचावो । उक्त 11 मांगों को लेकर भविष्य में धरना, प्रदर्शन, रैली का आयोजन किया जावेगा हैं । निकलो घर दुकानों से जंग लड़ो बेईमानों से सभी आर. टी. आई. कार्यकर्ता व संविधान प्रेमी नागरिक तथा जनलोकपाल के आंदोलकारी व सिविल सोसायटी के नागरिक सादर आमंत्रित हैं । साथियों से निवेदन हैं कि वे इस मानसिकता को त्याग देवे की मेरे मुसीबत में सब आ जावे और मैं किसी के मुसीबत में ना जावु जबकि सच्चाई ये हैं कि अगर आप किसी की मुसीबत में जावेगे तो वो आपके मुसीबत में आएगा ।