छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ द्वारा प्रत्येक दूसरे एवं तीसरे शनिवार को समय 12:00
गढ़कलेवा, संस्कृति विभाग परिसर सिविल लाइन, रायपुर में अति आवश्यक बैठक रखी जाएगी जिसमें सभी प्रदेश एवं जिला के पदाधिकारियों को अपनी व्यवस्था में आना आवश्यक है ।
जिस पर ब्लाक , वार्ड , मोहल्ला, ग्राम स्तर की जिम्मेदारी दी जावेगी ।
जिस पर आधा घण्टा प्रशिक्षण , आधा घण्टा संगठन पर चर्चा होगी जिस पर हमारी
छत्तीसगढ़ आर टी आई संघ की 10 सूत्रीय मांग हैं ।
1.छत्तीसगढ़ के आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार श्री गौरव अग्रवाल विरुद्ध भारत शासन के आदेश को पालन करते हुए आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जाय ।
2. पुलिस विभाग, जल संसाधन, पी डब्लू डी, आर ई एस, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, आदिवासी विकास व सभी विभागोँ भी सूचना के अधिकार की धारा 4 - 1 - ख को लागू करने ।
3 . छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एंटी करप्शन , छत्तीसगढ़ लोक आयोग में ईमानदारी से से सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू किया जाए।
4. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त में रिक्त पड़े 7 पदों की निष्पक्षता पूर्वक नियुक्ति हो रिटायर भ्रष्ट लोक सेवकों को बिल्कुल भी सूचना आयुक्त ना बनाएं पूर्व में देखा गया है कि चापलूस, रिश्वतखोर तथा अपंग जो ठीक से सुन नहीं सकते लिख नहीं सकते जिनको कुछ नजर नहीं आता ऐसे नालायक निकम्मे एवं भ्रष्ट कामचोर लोगों को राज्य में सूचना आयुक्त के पद में बैठाकर सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई थी ऐसे नालायक एवं भ्रष्ट लोगों को सूचना आयुक्त ना बनाया जाए ।
5. कठोर जन लोकपाल बिल { अन्ना जी } को छत्तीसगढ़ में लागू किया जाय ।
6. सभी लोग सेवकों की चल अचल संपत्ति तथा उनके बच्चे कहां-कहां पड़ रहे हैं उन्हें शासकीय वेबसाइट में सार्वजनिक किया जाए ।
7.सभी लोग सेवकों के बैंक अकाउंट तथा उनके सर्विस बुक के समस्त पन्नों की फोटोकॉपी सूचना के अधिकार के तहत दिया जाना चाहिए
8.जो जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी लगाता सूचना के अधिकार के आवेदनों को खारिज कर जानकारी नहीं देते उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए ।
9.छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट लोक सेवकों को संपत्ति जप्त करने वाले कानून के तहत उनकी संपत्ति को ज़ब्त कर उन्हें कारागार में डाला जाए ।
10. शहीद आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं के परिजनों को राज्यसभा व निगम, मंडल में स्थान देकर सम्मानित करें तथा 15 अगस्त एवं 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व में ईमानदार व्यक्ति के हाथों उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए ।