गतिविधियां

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आप सभी का शुक्रिया ।

आपके विश्वास ने आर टी आई संघ को सबसे ताकतवर संगठन बनाया हैं ।

सूचना के अधिकार के लिए कार्यरत संस्था छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ के 1123 ऑनलाइन सदस्य बन चुके हैं एक - एक आर टी आई कार्यकर्ता लगभग 11 हजार से 50 हजार वोट को प्रभावित करने की क्षमता रखता है  क्योकिं हमारे पास  अनेक बेईमानों के बहुत से राज हैं ।
जनता ये भी समझ गये कि जो खैरात आप बाट रहे वो हम से ही टैक्स का पैसा ले कर  खैरात बांट रहे हो अगर हमसे किसी प्रकार का कोई भी टैक्स ना लो और खैरात बांटो तब हम माने ।
बल्कि खैरात बांटने के नाम पर शासन स्तर पर जो खरीदी होती है उस पर भी कमीशन बाजी कर  भ्रष्टाचार  किया जाता है ।
इसलिए जनता समझ चुकी है कि खैरात बांटने से कुछ नहीं होगा वह उसी आदमी को अगले चुनाव में वोट देंगे जो ईमानदार व पारदर्शी शासन देगे ।
चाहे आप सवर्ण वर्षा भी क्यों नहीं कर देते ।
पूर्व में वो लोग भी चुनाव हार गए जो सवर्ण वर्षा किये थे ।
छत्तीसगढ़ आर टी आई संघ के असंख्य गुप्तचर प्रत्येक मोहल्ले एवं वार्ड में है जिसके चलते अनेक बेईमानी के कारनामों को पर्दाफाश किया है ।

छत्तीसगढ़ आर टी आई संघ की 10 सूत्रीय मांग हैं ।

1.छत्तीसगढ़ के आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार श्री गौरव अग्रवाल विरुद्ध भारत शासन के आदेश को पालन करते हुए आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जाय ।

2. पुलिस विभाग व सभी विभागोँ भी सूचना के अधिकार की धारा 4 - 1 - ख को लागू करने ।

3 . छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एंटी करप्शन , छत्तीसगढ़ लोक आयोग में ईमानदारी से से सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू किया जाए।

4. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त में रिक्त पड़े 7 पदों की निष्पक्षता पूर्वक नियुक्ति हो रिटायर भ्रष्ट लोक सेवकों को बिल्कुल भी सूचना आयुक्त ना बनाएं पूर्व में देखा गया है कि चापलूस, रिश्वतखोर तथा अपंग जो ठीक से सुन नहीं सकते लिख नहीं सकते जिनको कुछ नजर नहीं आता ऐसे नालायक निकम्मे एवं भ्रष्ट कामचोर लोगों को राज्य में सूचना आयुक्त के पद में बैठाकर सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई थी ऐसे नालायक एवं भ्रष्ट लोगों को सूचना आयुक्त ना बनाया जाए ।

5. कठोर जन लोकपाल बिल { अन्ना जी } को छत्तीसगढ़ में लागू किया जाय ।

6. सभी लोग सेवकों की चल अचल संपत्ति तथा उनके बच्चे कहां-कहां पड़ रहे हैं उन्हें शासकीय वेबसाइट में सार्वजनिक किया जाए ।

7.सभी लोग सेवकों के बैंक अकाउंट तथा उनके सर्विस बुक के समस्त पन्नों की फोटोकॉपी सूचना के अधिकार के तहत दिया जाना चाहिए

8.जो जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी लगाता सूचना के अधिकार के आवेदनों को खारिज कर जानकारी नहीं देते उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए ।

9.छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट लोक सेवकों को संपत्ति जप्त करने वाले कानून के तहत उनकी संपत्ति को ज़ब्त कर उन्हें कारागार में डाला जाए ।

10. शहीद आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं के परिजनों को राज्यसभा व निगम, मंडल में स्थान देकर सम्मानित करें तथा 15 अगस्त एवं 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व में ईमानदार व्यक्ति के हाथों उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए ।