माननीय न्यायालय के रिक्त जजो के पदों पर भर्ती हो
15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया मगर देश के नागरिकों को अभी भी न्याय पाने के लिए विभिन्न अदालतों के चक्कर काटने पड़ते हैं ।
जिसका फायदा भ्रष्ट नेता भ्रष्ट अधिकारी वह भ्रष्ट माफिया उठाते हैं।
केंद्र एवं राज्य की सरकारों को चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट एवं डिस्ट्रिक्ट कोर्ट तथा अन्य कोर्टो के पेंडेंसी को खत्म खत्म करने की दिशा में क्रांतिकारी प्रयास करें अनेक से विकासशील देश है ।
जहां पर तुरंत न्याय मिलता है मगर भारत में न्याय पाना सौभाग्य का विषय है ।
गरीब आदमी न्याय नहीं पा सकता क्योंकि उसके पास ना संसाधन है ना समय है ना धन है इसलिए जरूरी है कि हम सबको मिलकर आवाज उठानी होगी विधायिका नहीं चाहती की कोर्टों की पेंडेंसी खत्म हो ।
अंग्रेजों के बनाए हुए कानून को खत्म कर नया कानून बनाने की आवश्यकता है जिसमें हर व्यक्ति को त्वरित न्याय मिले ।