छत्तीसगढ़ पारदर्शिता संरक्षण अधिनियम विधेयक लाकर छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण पारदर्शिता व्यवस्था को मजबूत किया जाय.
आप सभी के प्रयास से छत्तीसगढ़ प्रगति पथ पर तेजी से दौड़ रहा हैं माननीय भूपेश बघेल जी को पूर्ण बहुमत मिला हैं मगर छत्तीसगढ़ के खजाने में राशि नही होने के कारण गोधन न्याय योजना व गोबर खरीदी में जैसी सफलता मिलनी चाहिए थी वैसे नहीं मिल पा रही है भ्रष्ट अफसर कभी भी नही चाहेगे की छत्तीसगढ़ में पारदर्शी व्यवस्था कायम हो इसलिए वे तरह तरह के बाधा उत्पन्न करते है छत्तीसगढ़ में असंख्य खैरात बाटने की योजना चल रही है मगर कोई खास भला जनता का नही हो रहा है.
छत्तीसगढ़ पारदर्शिता संरक्षण अधिनियम विधेयक के नाम से एक नया विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा में पास कर ये नियम को लागू करने के लिए मजबूत बिल लाया जाय जिससे की छत्तीसगढ़ राज्य का काला धन अपने आप छत्तीसगढ़ राज्य के खजाने में आ जावेगा.
1.छत्तीसगढ़ के आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार श्री गौरव अग्रवाल विरुद्ध भारत शासन के आदेश को पालन करते हुए आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जाय ।
2. पुलिस विभाग, पी डब्लू डी, वन विभाग, जल संसाधन विभाग व सभी विभागों, निगम, मंडल, प्राधिकरण , परिषद में भी सूचना के अधिकार की धारा 4 - 1 - ख को लागू करे व वही सभी डिफाल्टर सार्वजनिक कम्पनियों, बड़े नर्सिंग होम, बड़े स्कूल व एन पी ओ के डाटा को सार्वजनिक किया जाय. वही जिस जिन लोगो को शासन की विभिन्न योजनाओ का लाभ मिल रहा है उनके नाम, पता, मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी सार्वजनिक किया जाय.
3 . छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एंटी करप्शन , छत्तीसगढ़ लोक आयोग में ईमानदारी से से सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू किया जाए, क्योकि यहाँ रसूखदार लोगो के प्रकरण को भ्रष्टाचार का लाभांश लेकर खात्मा कर दिया जाता है वही पुलिस विभाग प्रति माह में जितने भी प्रकरण का खात्मा करती हैं उस खात्मा रिपोर्ट की पूरी फ़ाइल का एक एक पन्ना को सार्वजानिक करे जिससे की किसी पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार रूपी काला नाग पैदा ही ना हो पाए.
4. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त में रिक्त पड़े 7 पदों की निष्पक्षता पूर्वक नियुक्ति हो रिटायर भ्रष्ट लोक सेवकों को बिल्कुल भी सूचना आयुक्त ना बनाएं पूर्व में देखा गया है कि चापलूस, रिश्वतखोर तथा अपंग जो ठीक से सुन नहीं सकते लिख नहीं सकते जिनको कुछ नजर नहीं आता ऐसे नालायक निकम्मे एवं भ्रष्ट कामचोर लोगों को राज्य में सूचना आयुक्त के पद में बैठाकर सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई थी ऐसे नालायक एवं भ्रष्ट लोगों को सूचना आयुक्त ना बनाया जाए.
अभी वर्तमान में 4 पद सूचना आयोग के स्वीकृत है जिसे पुरे 10 पद की स्वीकृती प्रदान की जाए और रिक्त 7 पद पर राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पारदर्शितापूर्वक की जाय.
5. कठोर जन लोकपाल बिल { अन्ना जी } को छत्तीसगढ़ में लागू किया जाय ।
6. सभी लोग सेवकों की चल अचल संपत्ति तथा उनके बच्चे कहां-कहां पड़ रहे हैं उन्हें शासकीय वेबसाइट में सार्वजनिक किया जाए ।
7.सभी लोग सेवकों के बैंक अकाउंट तथा उनके सर्विस बुक के समस्त पन्नों की फोटोकॉपी सूचना के अधिकार के तहत दिया जाना चाहिए .
8.जो जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी लगाता सूचना के अधिकार के आवेदनों को खारिज कर जानकारी नहीं देते उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए ।
9.छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट लोक सेवकों को संपत्ति जप्त करने वाले कानून के तहत उनकी संपत्ति को ज़ब्त कर उन्हें कारागार में डाला जाए, जबकि पूर्व की सरकार ने बेईमानों की सम्पत्ति जप्त करने वाला कानून बनाया है जिसे मंत्रालय में विराजमान विषधारी नाग और वो कुटिल व षड़यंत्र लोक सेवक ने ठंडे बस्ते में डाल दिया हैं.
10. शहीद आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं के परिजनों को राज्यसभा व निगम, मंडल में स्थान देकर सम्मानित करें तथा 15 अगस्त एवं 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व में ईमानदार व्यक्ति के हाथों उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए .
अगर इस प्रारूप का नया विधेयक बना कर छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित करा कर छत्तीसगढ़ राज्य में लागू किया जावेगा तो अपने आप छत्तीसगढ़ राज्य सबसे सम्पन्न प्रदेश बन जावेगा और बार – बार केंद्र से राशि मांगने की बजाय स्वयं छत्तीसगढ़ शासन से केंद्र राशि मानेगी मगर इस विधेयक को पास करने में सबसे बडे बाधक मंत्रालय में विराजमान काला विषधारी नाग और वो कुटिल व षड़यंत्र लोक सेवक हैं जो नही चाहते की उनके शोषण की दुकान बंद ना हो इसलिए इन विषधारी काला नाग रूपी कुटिल व षड़यंत्र लोक सेवक से सभी को सावधान रहने की आवश्यकता हैं.
मुझे पूरा विश्वास है की वर्तमान शासन खैरात बाटते बाटते थक गई होगी मगर खैरातखोरो का पेट अभी तक नही भरा होगा इसलिए अब खैरात बाटना बंद करे और सिस्टम को पारदर्शिता की राह में लाने का प्रयास करे.
उम्मीद करता हूँ की आप जनहित में छत्तीसगढ़ पारदर्शिता संरक्षण अधिनियम नामक नया बिल लाकर जनता को खुशहाल बनाने में मदद करेगे.