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छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ की 10 सूत्रीय मांग से अगर सहमत तो जुड़े

सूचना के अधिकार के लिए कार्यरत आंदोलनकारी संस्था जिसका उद्देश्य सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 को बचाना हैं लगातार यह जानकारी मिल रही है कि सूचना के अधिकार अधिनियम को शिथिल करने का सभी स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।



इसके लिए जरूरी है वृहद आंदोलन किया जाए इसमें सभी संविधान प्रेमी नागरिकों का सहयोग अपेक्षित है यहां आंदोलन बहुत ही विशाल स्तर पर करने की योजना है ।



जिससे कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण पारदर्शी व्यवस्था लागू हो सके जब तक ग्राम पंचायत से लेकर राजधानी रायपुर के सभी संविधान प्रेमी एकजुट होकर कानून का राज स्थापित करने के लिए तन, मन, धन से समर्पित नहीं होंगे तब तक सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को छत्तीसगढ़ में बचा पाना असंभव है ।



इसके लिए सभी संविधान प्रेमी नागरिक सामने आए ।



भ्रष्ट जन सूचना अधिकारी एवं भ्रष्ट प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा लगातार जन सूचना के आवेदन को कोई ना कोई कारण बताकर जानकारी नहीं दी जाती इसके लिए जरूरी है कि हम संविधान के दायरे में रहकर इन भ्रष्ट जन सूचना अधिकारी एवं भ्रष्ट प्रथम अपीलीय अधिकारी के विरुद्ध धरना, प्रदर्शन, आंदोलन कर इन्हें बर्खास्त करने की मांग किया जाना जरूरी है।



छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ की 10 सूत्रीय मांग हैं



1.छत्तीसगढ़ के आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार श्री गौरव अग्रवाल विरुद्ध भारत शासन के आदेश को पालन करते हुए आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जाय ।



2. वन विभाग, जल जल संसाधन, आबकारी, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग सभी मंडल एवं निगम में भी सूचना के अधिकार की धारा 4 - 1 - ख को लागू करने ।



3 . छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एंटी करप्शन , छत्तीसगढ़ लोक आयोग में ईमानदारी से से सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू किया जाए।



4. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त में रिक्त पड़े 7 पदों की निष्पक्षता पूर्वक नियुक्ति हो रिटायर भ्रष्ट लोक सेवकों को बिल्कुल भी सूचना आयुक्त ना बनाएं पूर्व में देखा गया है कि चापलूस, रिश्वतखोर तथा अपंग जो ठीक से सुन नहीं सकते लिख नहीं सकते जिनको कुछ नजर नहीं आता ऐसे नालायक निकम्मे एवं भ्रष्ट कामचोर लोगों को राज्य में सूचना आयुक्त के पद में बैठाकर सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई थी ऐसे नालायक एवं भ्रष्ट लोगों को सूचना आयुक्त ना बनाया जाए



5. कठोर जन लोकपाल बिल { अन्ना जी } को छत्तीसगढ़ में लागू किया जाय ।



6. सभी लोग सेवकों की चल अचल संपत्ति तथा उनके बच्चे कहां-कहां पड़ रहे हैं उन्हें शासकीय वेबसाइट में सार्वजनिक किया जाए ।



7.सभी लोग सेवकों के बैंक अकाउंट तथा उनके सर्विस बुक के समस्त पन्नों की फोटोकॉपी सूचना के अधिकार के तहत दिया जाना चाहिए



8.जो जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी लगाता सूचना के अधिकार के आवेदनों को खारिज कर जानकारी नहीं देते उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए ।



9.छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट लोक सेवकों को संपत्ति जप्त करने वाले कानून के तहत उनकी संपत्ति को ज़ब्त कर उन्हें कारागार में डाला जाए ।



10. शहीद आर. टी. आई. कार्यकर्ताओं के परिजनों को राज्यसभा व निगम, मंडल में स्थान देकर सम्मानित करें तथा 15 अगस्त एवं 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व में ईमानदार व्यक्ति के हाथों उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए .



निकलो घर दुकानों से

जंग लड़ो बेईमानों से



विनीत - अनिल अग्रवाल, नेहरू दूतकामड़ी, राजेश कदम, विनय अग्रवाल, लक्ष्मीकांत निर्णजक, योगेश पटेल , प्रेम साहू , किरीट ठक्कर, के. राजू , अनिल त्रिपाठी , राजेंद्र ओझा रफीक अहमद सिद्दीकी, लक्ष्मी सोनी , श्रीमति पूनम विश्वास, यशवंत निषाद, श्रीमती राधा साहू , रफीक सिद्धकी व छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ के कार्यकर्ता



https://youtu.be/1Q4nLbEDiiY



https://youtu.be/Kx27cbLcayA



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वे लोग जो चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में पारदर्शी शासन लागू हो तथा छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट लोगो की संपत्ति जप्त कर उन्हें कारागार में डाल दिया जाय तथा छत्तीसगढ़ आई. टी. आई. संघ द्वारा आयोजित धरना, प्रदर्शन, आंदोलन में समय दे सकते हैं वे लोग छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ के प्रारंभिक सदस्य बनने के लिये

{ विशेष नोट वह लोग छत्तीसगढ़ आई. टी. आई. संघ के प्राथमिक सदस्यता के लिए फार्म ना भरे } जो लोग यह सोचते हैं की उन्हें छत्तीसगढ़ आर.टी.आई. संघ आर.टी.आई. के गुर सिखा कर उन्हें सूचना का अधिकार का आवेदन लगाना प्रथम अपील लगाना, द्वितीय अपील लगाना सिखाएंगे और बाद में जब वे यह सब सीख जाएंगे तो फिर जब उन्हें धरना, प्रदर्शन, आंदोलन में बुलाया जाएगा तो वे यह ये बहाना बताएंगे कि



अभी घर में कोई नहीं है



बीमार हूं



घर में शादी है



घर में मेहमान आ गए



पैसा नहीं है



दुकान में कोई बैठने वाला नहीं है



इत्यादि झूठा बहाना बताकर धरना, प्रदर्शन आंदोलन में आने से बचेंगे ऐसे खुदगर्ज एवं स्वार्थी लोग छत्तीसगढ़ आर टी आई संघ में ना जुड़े , मतलब पारदर्शी व्यवस्था के लिए अपने स्वयं के साधन से सहयोग देने की भावना हो तभी वह छत्तीसगढ़ आर. टी. आई. संघ से जुड़े ।



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जो साथी हमारी इस बात से सहमत हैं वे छत्तीसगढ़ आर टी आई संघ मैं ऑनलाइन सदस्य बन सकते हैं ।



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